Rajani katare

Add To collaction

गड़बड़ झाला घोटाला "पूर्णिका"

               "गड़बड़ झाला घोटाला" पूर्णिका

आजकल हर जगह, बड़ा गड़बड़ घोटाला है,
जहाँ तहाँ हर जगह, कुछ तो गड़बड़ झाला है,

राजनीति के जंगल में, चल रहा दंगल है,
रस्सा खींची आपस में, दाल में कुछ काला है,

लाखों का घोटाला करते, सफ़ेदपोश कहाते हैं,
भाई भतीजावाद करते, कहते उनका साला है,

पक्ष और विपक्ष का, रहता बोल बाला है,
नर्म दल गर्म दल, गर्म दल से पड़ा न पाला है,

चाल चलते गहरी, कितने राज़ छिपाए बैठे हैं,
राजनीति के दांवपेंच, भेजे का अचार डाला है,

वोट की खातिर, कितने मीठे बोल बोलते हैं,
गोल मोल बातें इनकी, मुँह पर लगता  ताला है ।

       काव्य रचना-रजनी कटारे
              जबलपुर म.प्र.

   24
6 Comments

Wahhhh wahhhh,, आज के परिदृश्य का वास्तविक चित्रण

Reply

Abhinav ji

27-Jun-2023 08:16 AM

Very nice 👍

Reply

Alya baby

27-Jun-2023 08:03 AM

सुन्दर सृजन और बेहतरीन अभिव्यक्ति

Reply